अनुपमा राही के पास जाती है और राही को बोल रही होती है राही तुझे चोट तो नहीं आई ना तो गिरी कैसे राई बोलती है मम्मी यह लहंगा ही इतना भारी है मुझसे उठा ही नहीं जा रहा आप मुझे उठाओ ना अनुपमा बोलती है राही यह खून तो राही बोलती है मम्मी यह खून नहीं है अनुपमा राही को उठाती है फिर अनुपमा बोलती है
राही तू सच में ठीक तो है ना राही बोलती है मम्मी मैं बिल्कुल ठीक हूं शादी में जितनी नजरें लगनी थी वह लग गई लेकिन अब सब कुछ परफेक्ट होगा राही बोलती है मम्मी मैं ठीक तो लग रही हूं ना तो अनुपमा बोलती है तू बहुत अच्छी लग रही है चल अब बाहर चलते हैं दुल्हा तेरा वेट कर रहा है हम देखते हैं अनुपमा राही को लेकर बाहर आ जाती है
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