अनुपमा मैं आगे देखने को मिलेंगे की बात हेवी से घर के काम कराने की कोशिश करेगी, वो भैरवी को वेटर तक बनाएगी और ये सब कांताम्मा देख लेगी। वो बा को जमकर झाड़ लगाएगी।
वहीं बा कांता माँ से कहेगी की अनुपमा ने बाहर वालों की मदद का ठेका लिया हुआ है, जिसपर कांताम्मा उन्हें जवाब देगी। दिया है।
वो छोटी अनुसार गलत बर्ताव के लिए भी बा को खरी खोटी सुनाएगी। डिंपल की माँ घूंघट की आड़ में शादी देख रही होती है लेकिन वहाँ उन्हें पकड़ लेती है। वो सबके सामने डिंपल की माँ को चोर बताती हैं साथ ही सामान की भी तलाशी लेती है लेकिन उसमें चुन्नी और कलीरें निकलते हैं जिससे डिंपल पहचान लेती है।
वो तुरंत अपनी माँ को गले से लगा लेती है और फूट फूटकर रोती है। हालांकि डिंपल को उसकी माँ के साथ देखकर अनुपमा के चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। समर डिंपल की माँ के पैर पड़ता है।
जोबा को बिल्कुल भी पसंद नहीं आता है। वहीं डिंपल की माँ अनुपमा का धन्यवाद करती और कहती हैं, मैं भले ही डिंपल को जन्म दिया है लेकिन उसकी माँ आप हो यहाँ तक की वो अनुपमा के सामने कामना करती है
की डिंपल और समर की जोड़ी आप और अनुज जैसी हो। इस बात से मायाकोटी जाती है। वहीं बार बीच में बोलने से नहीं कतराती और कहती हैं, आप इतनी तमीज वाली हो, थोड़ा अपनी बेटी को भी सिखाया होता,
सो मैं आगे देखने को मिलेंगे की शादी में गुरु माँ की भी एंट्री होगी जिससे अनुपमा की खुशी दोगुनी हो जाएगी। उनका पैर किल पर पड़ने वाला होगा की अनुज ने रोक लेगा और अनुज को देखकर गुरु माँ भावुक हो जाएगी। ऐसे में माना जा रहा है की गुरु माँ कोई और नहीं बल्कि अनुज की माँ है।