ANUPAMA || अनुपमा के साथ बर्तन घिसते हुए दिखेगा पराग को प्रेम, माहि की वजेसे फिर होगा प्रेम पराग में झगड़ा

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तभी हमें सीरियल में आगे जो है वह अंश को दिखाया जाता है जहां पर वो राही से कहते हुए नजर आता है कि क्या तुम प्रेम से सिर्फ उसके परिवार को करीब लाने के लिए शादी कर रही हो तो राही जो है वो अपना सिर हिलाया और कहती हुए नजर आती है कि नहीं मैं ऐसा इसीलिए कर रही हूं क्योंकि मैं उससे प्यार करती हूं और हां शादी हो जाने के बाद मैं कोठार हों की पूरी जिम्मेदारी ले लूंगी और तभी हमें सीरियल में आगे जो है

वो पराग को दिखाया जाता है जहां पर वो बाद में अनुपमा से पूछते हुए नजर आता है कि रातों-रात ऐसा क्या बदल गया कि तुम्हें जो है वो प्रस्ताव पर पुनर्विचार करना पड़ा तो अनुपमा के जवाब देने से पहले ही यहां पर प्रेम जो है वह बीच में टोक देता है और तभी वहां पर प्रेम जो है वह कहने लगता है कि मैं राही का जो है वोह पूरा समर्थन करता हूं और कृपया उस प्रस्ताव को जो है वो स्वीकार कर लीजिए और एक लंबे विराम के बाद यहां पर बा जो है

वो आखिरकार सहमति दे ही देती है और उनको जो है वो राही के लिए हां कर देती है लेकिन तभी वह कहने लगती है एक बात याद रखना कि कोठारी घर की बहू जो है वोह बनना आसान नहीं है तो अनुपमा जो है वह सिर हिलाती है और कहते हुए नजर आती है कि किसी भी घर की बहू बनना जो है वह बिल्कुल भी आसान नहीं है चाहे वह घर अमीर हो चाहे वह गरीब हो और तभी यहां पर ख्याती जो है वह अनुपमा को आश्वासन देते हुए नजर आती है

और कहती है कि चिंता मत करो हम राही को अपनी बेटी की तरह रखेंगे तो यहां पर सबकी सहमति के बावजूद पराग जो है वह काफी ज्यादा गुस्से में रहता है और वह बा पे भड़कते हुए चिल्लाता है कि तुमने यह रिश्ता क्यों तय किया तो प्रेम जो है वो तैयारी नहीं है तभी वहां पर बात जो है वह दृढ़ता से कहते हुए नजर आती है कि बस पराग प्रेम के खातिर जो है है वो राही को स्वीकार कर लो तो पराग यहां पर राही को घूर कर देखते हुए नजर आता है और कहने लगता है

कि राही पे जो है वो कोई भी शिष्टाचार नहीं है उसे कोई भी तमीज नहीं है तो बा जो है वो शांति से उत्तर देती है और कहती है कि मैं उसका मार्ग दर्शन करूंगी जैसे मैंने ख्याती और नीता का मार्ग दर्शन किया था तो दोस्तों आने वाले अपकमिंग प्रोमो में हमें देखने के लिए मिलता है कि सभी के सभी घरवाले जो है वो पार्टी में गए हुए होते हैं और गोलगप्पे खा रहे होते हैं और तभी वहीं पर जो है वो राजा बादशाह और प्रार्थना भी होते हैं जहां पर वो भी उनके साथ होते हैं

और तभी यहां पर अनुपमा जो है वो अपनी-अपनी प्लेट धोती हुए नजर आती है तो यहां पर राजा बादशाह भी जो है वो अपनी प्लेट धोते हैं और यह सब जो है वो पराग भी वहां पर आ जाता है और देख लेता है और तभी यहां पर पराग जो है वो गुस्से में कहते हुए नजर आता है कि ये अनुपमा जी जो है वो हमारे खानदान के बच्चों से बर्तन धुलवा रही है