सीरियल अनुपमा के आज की कहानी में हमें प्रेम को दिखाया जाता है जहां पर वह राही से शादी करने के लिए अड़ जाता है और वह अपने पापा और अपने मोतीबा से कहते हुए नजर आता है कि भले ही कोठारी उसे अस्वीकार कर दे लेकिन वह राही से ही शादी करेगा चाहे कुछ भी हो जाए और कहते हुए नजर आता है कि आपको जो है रिश्ता तोड़ना है तो तोड़ दीजिए
लेकिन मैं राही का साथ जो है वो कभी भी नहीं छोडूंगा और शादी तो मेरी जो है वो राही से ही होगी या तो आपके आशीर्वाद के साथ या फिर उसके बिना और आप जो है ना वो मुझे सोच के बता दीजिएगा और तभी हम सीरियल में आगे जो है वो पंडित जी को देखते हैं
जहां पर वो वसुंधरा बहन को बताते हुए नजर आता है कि मुझसे जो है वो बहुत ही बड़ी गलती हो गई और मैंने जो है वो जन्मतिथि गलत डाल दी थी जिससे कि अलग कुंडली सामने आ गई और असली कुंडली के हिसाब से प्रेम और राही जो है वो एक दूसरे के लिए बिल्कुल सही हैं और बल्कि मैं तो यह कहूंगा कि प्रेम के लिए जो है वो राही बहुत ही ज्यादा सौभाग्यशाली है और उस लड़की की वजह से जो है
वो प्रेम का भाग्य उदय होगा और तभी ये सब चीजें जो है वो अनुपमा राही और प्रेम और बापूजी भी सुन लेते हैं तो यहां पर प्रेम कहते हुए नजर आता है कि जब प्यार सच्चा हो ना तो काहा जी ग्रहों का खेल और चाल जो है ना वो सब कुछ बदल देते हैं तभी वहां पर अनुपमा भी कहते हुए नजर आती है
कि रिश्ते जो है वो बनते नहीं है बल्कि बनाने पड़ते हैं हैं और उन्हें संभालना पड़ता है हर रोज हर पल जो है वोह कोशिश रहनी पड़ती है और बच्चे कोशिश कर रहे हैं तो क्या हम इन बच्चों के लिए कोशिश नहीं कर सकते