सीरियल अनुपमा की आज की कहानी में हमें अनुपमा को दिखाया जाता है जहां पर वह अनुज कपाड़िया की तस्वीर लेकर जो है वो रोते हुए नजर आती है इमोशनल होते हुए नजर आती है और कहते हुए नजर आती है कि हमारी छोटी की जो है वो शादी के बात चल रही है और आप यहां पर नहीं हो और कहते हुए नजर आती है कि मैं जो है वो सब कुछ
कैसे संभालू गी और सारी की सारी जिम्मेदारी जो है वो आपने मेरे ऊपर डाल दी और आप ही यहां पर नहीं है और शादी में माता-पिता का होना जो है वो दोनों का जरूरी है और आपको जो है वो यहां पर होना चाहिए था ना तो तो आप जो है वो यहां पर है नहीं फिर वो रोते हुए कहने लगती है कि आप होते ना तो बेटे की शादी की खुशी जो है ना वो दुगनी हो जाती और बेटी का पराया होने का दुख जो है
ना वो आधा हो जाता तो यहां पर अनुपमा जो है वो अपना विचार व्यक्त करते हुए नजर आती है अनुज के सामने और वह साझा करती है कि परिवार में हर कोई जो है वो राही की शादी पर चर्चा कर रहा है और वह अनुज को बहुत याद करते हुए नजर आती है तो अनुपमा को लगता है कि अनुज जो है उसे सारी जिम्मेदारियां सौंप कर भाग गया है
और वह यह भी स्वीकार करते हुए नजर आती है कि अनुज की की मौजूदगी के बिना यहां पर राही की शादी के बारे में निर्णय लेना भारी लगता है तो हालांकि यहां पर राही ने पहले ही प्रेम को अपना जीवन साथी चुन लिया है इसीलिए अनुपमा स्वीकार करती है उसका निर्णय और फिर यहां पर हम देखते हैं कि वह कहते हुए नजर आती है कि वह राही और प्रेम के लिए शादी का
प्रस्ताव लेकर कोठारी परिवार से संपर्क करने का संकल्प लेती हुई नजर आती है और वहीं पर अनुपमा जो है वह खुद यह भी वादा करती है कि अगर भविष्य में कोई भी मुश्किल आती है राही के साथ तो वो हमेशा उसके साथ खड़ी रहेगी और तभी वो कहते हुए नजर आती है कि अगर हमारी बेटी लड़ खड़ाई ना तो हम दोनों को जो है उसे संभालना पड़ेगा और आपको मेरा साथ देना पड़ेगा